बाली का बेटा (14)

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14 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे हनुमानजी की वापसी सुबह सूरज के गोले के आसमान में चढ़ते-चढ़ते सब लोगों ने घाटी के पेड़ों से पेट भर के फल खाये और कुछ देर बाद उसी गुफा के रास्ते वे समुद्र के किनारे जा पहुंचे। अब उन सबको हनुमानजी के लौटने की प्रतीक्षा थी। बानर लोग खेलते-कूदते रहे तो दूसरे लोग आपस में कुश्ती करके एक दूसरे की ताकत को परखते रहे। फिर भी समय काटे नहीं कट रहा था। सब बार-बार समुद्र की ओर देखने लगते थे। एकाएक अंगद को लगा कि समुद्र