जहाँ-जहाँ वो भागता जा रहे थें । वही नीचे ज़मीन से सड़े-गले हाथ निकलते जा रहे थें। एक हाथ ने निशा का पैर पकड़ लिया । वह ज़ोर से चिल्लाई तो सुदेश ने अपने पैर से मारना शुरू कर दिया। फिर अपने बैग से कोई धारधार चीज़ निकाल उस पैर में चुभो दिया\। तभी पैर छूट गया और फिर दोनों भागने लगे। तभी वही डरावनी शक्लों ने प्रखर को घेर लिया। तभी वही वो जो चोर डरावना आदमी था उसने प्रखर के सामने आकर कहा कि "तुम्हे तो कोई तुम्हारा अपना ही बचा सकता है ।" और प्रखर की तरफ