कहानी - अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो रजत बाबू इस मोहल्ले में रिटायरमेंट के बाद किराये के मकान में रहने आये थे . उन दिनों रिटायरमेंट के बाद रजत बाबू को पेंशन बहुत कम ही मिला करता था .किसी तरह एक तंग गली में कम किराये में भी तीन कमरों का घर मिल गया था . बिजली थी पर पानी सिर्फ सुबह एक घंटे ही आता .बाकी समय के लिए मकान मालिक ने एक हैंड पम्प लगा रखा था जिसके चलते पानी की किल्लत तो न थी पर हाथ को अच्छा खासा