कुबेर डॉ. हंसा दीप 36 एक नया विचार था स्टॉक मार्केट की ओर ध्यान देने का। डीपी पढ़ने लगा, समझने लगा। डे ट्रेड की वर्कशॉप में भाग लिया और प्रेक्टिस अकाउंट खोल कर, बाज़ार की चाल देखने लगा, परन्तु कुछ ख़ास सीख नहीं पाया। कुछ विविधता भरे कोर्स, कुछ विशेष सेक्टरों पर केंद्रित वर्कशाप से सीखने की कोशिश की परन्तु वांछित ज्ञान से वह बहुत दूर था। सिखाने वाले तो वही सिखाते हैं जो उन्हें आता है, यह तो सीखने वाले पर है कि वह उससे कितना लाभ उठा पाता है। वह छोटे-मोटे सौदे करता रहा। कोई लंबी छलांग नहीं