रमा और सारी देवरानियां अवाक ! इतनी हिम्मत तो किसी ने अब तक न की थी कुन्ती के सामने ! कुन्ती को काटो तो ख़ून नहीं. अभी तक तो उन्होंने कहा और आज्ञा का पालन तुरन्त होता था. जिसे नज़र के सामने से हटने को कहा फिर उसकी हिम्मत न थी, कुन्ती के आदेश के बिना उसका सामना करने की. सुमित्रा जी सारा कांड अब तक चुपचाप देख रहीं थीं. कुन्ती के मामले में कुछ भी बोलने की उनकी कभी हिम्मत ही नहीं होती थी. जानकी का जवाब ठीक ही था, लेकिन पता नहीं क्यों सुमित्रा जी को कुन्ती का अपमान