कब मिलेगा आवास

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पग-पग पर पीड़ा उठाते हुए घर पहुंँचने का बीड़ा उठाया है।अपने घरों की ओर चलने के लिए तैयार हैं। अपनी मंजिल को ध्यान में रखते हुए अथक अविश्रांत आगे बढ़ते जा रहे हैं। एक ही मंजिल है एक ही विचार है और एक ही संकल्प है, बस घर पहुंँचना है।मैं फलवाले की दुकान पर खड़ा था। बहुत से मजदूर आज अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर, अपनी पत्नियों का सानिध्य पाकर और अपने सिर पे समान की गठरी रखे मजबूत इरादों के साथ आगे बढ़ रहे थे। समस्याओं से बेखबर हजारों मील की दूरी तय करने के लिए आतुर