जो घर फूंके अपना 29 तू तू मैं मैं मुखर्जी का टीवी चकनाचूर होकर कितने टुकड़ों में बिखरा इसकी चिंता करना अब बेकार था. इतना साफ़ होते ही हम बाकी के तीन साथियों ने अपने अपने किरदार संभाले और वही करना शुरू कर दिया जो सारे अच्छे दोस्त और निकट संबंधी ऐसे दुखद अवसरों पर करना अपना कर्तव्य समझते हैं. अर्थात जोर जोर से मुखर्जी को बताना शुरू किया कि वह कितना बेवकूफ है. ‘हमने तो पहले ही कहा था’ की टेक पर बोले हुए अगले कई वाक्य ऐसे थे:- ‘लौटते समय खरीदना था, पता नहीं अभी लेने की ऐसी