जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक

  • 6.4k
  • 1
  • 3.1k

आज मे आपक एक कहानी सुनाती हु जिसका मे हिस्सा भी हु ओर किस्सा हु।साम के साडे सात बजे थेे ,घर मे चहल पहल थी, अचाानक घर मे एक इन्सान का आना हुआ , वो सीधे चलकर रसोईघर तक चला गया जहा मम्मी खाना पका रही थी। ओर वो आदमी मम्मी से कुछ बात कही मम्मी तुरंत ही भागते हुए हमाारे पास आई जहा सारे घर के लोग जमा होकर बेथे थे, ओर वो इतनी घबरा गई थी उन्हे डेख कर बाकी के लोग भी घबरा गए, समाचार ही कुछ ऐसे थी वो बहोत घबरा कर हम सब को कहने