Chapter 3 अगले दिन आरुषि लंच टाइम में अपने स्कूल के गार्डन में बैठी होती हैं, वही पर सौम्या आती हैं) सौम्या "यार आरुषि तू यहाँ बैठी हैं, नीतू ने बताया था तू क्लास रूम में हैं मैं तुझे वहां देख कर आ रही हूँ, कमीनी कितनी झूठी हैं.....उसको तो मैं छोडूंगी नहीं" आरुषि "अरे…. मैं क्लास रूम में ही थी, अभी थोड़ी देर पहले आयी हूँ......बैठ जा तू भी" सौम्या "अच्छा....आज तो बच गयी नीतू की बच्ची .....सुन ना, अभी ना टीचर्स रूम में ना अंजली के साथ एक कांड हो गया हैं, सुनेगी ना तो तुझे भी बड़ी