दो साल बीते, ओर इन दो सालों में वीरा और सरस्वती एकदूसरे के काफी करीब आ गए। शहर के पास में ही मोहिनी का गाव था 'लखनपुर' वहाँ पहाड़ी की चोटी के उसपार पानी की एक खूबसूरत झील हुवा करती थी। वीरा ओर सरस्वती चोरीछुपे अक्षर मिलने वहाँ जाया करते थे। ओर एकदूसरे की बाहों में बाहे डाले उस झील के उस सौंदर्य को देखते हुए एकदूसरे में खो जाते थे। ये बात मोहिनी के अलावा और कोई नहीं जानता था। एक दिन वीर से मिलने आई कावेरी ने वीरा के सामने अपने प्यार का