फूलचंद नाम का एक किसान था,उसके दो बेटे थे, रमेश और महेश। महेश की उमर १३ साल और रमेश की ३ साल थी फूलचंद की पत्नी का नाम पार्वती था, वो अक्सर बीमार रहा करती थी ।इसलिए महेश को पढ़ाई के साथ साथ घर का कम काज जैसे खाना बनाना और अपने पिता के साथ खेत के कम मे हाथ बताना भी पड़ता था । बड़ा होनहार और नेक लड़का था महेश, पढ़ाई मे भी अच्छा था, अक्सर उसके विद्यालय के अध्यापक उसके पिता फूलचंद से महेश की तारीफ करते थे । दिन गुज़रता गया, अचानक से एक रात फूलचंद की पत्नी का तबीयत