चंपा पहाड़न - 7

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चंपा पहाड़न 7. माया को एक-दो बार और लोगों ने भी सचेत किया था किन्तु वह पूरी तरह से उस पर विश्वास करती थी, उसे लगता लगभग पचपन वर्ष से ऊपर की गंगादेई, जिसके दो बड़े-बड़े भरपूर मर्द बेटे थे और न जाने कितने नाती-पोते भी, इन सब बातों में क्योंपड़ेगी?माया को उसकी ज़रुरत थी, कई वर्षों से वह उस घर में थी, गुड्डी के पिता गंगादेई को न जाने कहाँ से बहुत खोज-बीनकर लाए थे, वर्ष भर में ही उन्हें काल ने अपना ग्रास बना लिया था अत: माया के मन में गंगादेई के प्रति एक नाज़ुक सा भाव बना हुआ था | माँ के ऊपर वह अपनी पुत्री का उत्तरदायित्व छोड़कर उन्हें उस बंधन में नहीं बाँधना चाहती