जो घर फूंके अपना 25 विदेश यात्रा : अपने अपने टोटके, अपना अपना जुगाड़ आज की तरह ही उस ज़माने में भी केवल मंत्रियों और उनके चमचों का ही विदेश यात्राओं पर कब्ज़ा रहता हो ऐसा बिलकुल नहीं था. इस स्वादिष्ट हड्डी को विरोधी दलों के एक से एक बढ़कर भौंकने और गुर्रानेवाले नेताओं के मुंह में ठूंस दिया जाता था तो उनके मुंह से निकलती गुर्राहट फिल्टर होकर मीठी म्याऊँ म्याऊँ में बदल जाती थी. फिर इसके लिए वे केवल सरकारी कृपा पर ही नहीं निर्भर करते थे. साम्यवादी देशों में मास्को, हवाना (क्यूबा ), बेजिंग आदि की सैर