मे और मेरे अह्सास - 10

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मे और मेरे अह्सास भाग- १० **** बात को भुलाना आसाँ होता lयाद को भुलाना आसाँ होता ll चांदनी मे डूबी हुई महकती lरात को भुलाना आसाँ होता ll नशीली निगाहों से पिया हुआ lजाम को भुलाना आसाँ होता ll ******************** दिल की बात बताने का आसां ज़रिया है ये शायरी lदेख लोगों का हाल ए दिल बता देती है ये शायरी ll ******************** कुछ तो है दर्मिया जिस पे पड़दा है । वर्ना नजरमें आपकी कुछ बात होती है ll ******************** हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं टूटा करते lजिस्मोंकी दूरीसे रिश्ते नहीं टूटा करते ll ******************** किसी को