किसी ने नहीं सुना - 8

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किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 8 सुबह का माहौल बहुत तनावपूर्ण रहा। सूजा चेहरा, सूजी आंखें लिए नीला ने सारा काम किया। मुझ पर गुस्सा दिखाते हुए बच्चों पर चीखती चिल्लाती रही। मैंने कुछ कोशिश की तो मुझसे भी लड़ गई। मैं बिना चाय नाश्ता किए, लंच लिए बिना ही ऑफिस आ गया। एक तरफ मेरे चेहरे पर जहां तनाव गुस्से की लकीरें हल्की, गाढ़ी हो रही थीं। वहीं संजना खिलखिलाती हुई मिली। चेहरा ऐसा ताज़गीभरा लग रहा था मानो कोई बेहद भाग्यशाली नई नवेली दुल्हन पति के साथ ढेर सारा स्वर्गिक आनंद लूटने के बाद पूरी रात