जो घर फूंके अपना - 23 - बार्बर बनाम नाई

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जो घर फूंके अपना 23 बार्बर बनाम नाई पिताजी के सर पर रुपहले बालों की जगह केवल उनकी धूमिल सी याद को देखकर मेरी तुरत प्रतिक्रिया तो यही थी कि मेरे द्वारा हुई उनके हुनर की नाक़द्री का बदला जांसन ने मेरे पिताजी से निकाला था पर राष्ट्रीय प्रतिरक्षा अकादेमी (एन. डी. ए) के दिनो की एक घटना याद आ गयी तो लगा कि मुझे भी हंसकर इस घटना को लेना चाहिए. एन डी ए के उस बार्बर ने मेरी और मेरे एक मित्र की एक हरक़त की सूचना हमारे अधिकारियों को दी होती तो जाने कितनी सज़ा भुगतनी पड़ती.