कुबेर - 29

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 29 अपने अलावा और लोगों पर नज़र जाती तो कुछ चिन्ताएँ कम होतीं। वह अकेला नहीं है जो यह सब सहन कर रहा है, इस भावना से हिम्मत बनी रहती। कई ऐसे परिवार थे जिन्होंने अपने ख़ुद के एक घर के सपने को पूरा करने में अपने जीवन की सारी जमा पूँजी लगा दी थी और यह फ्लैट खरीदा था। कई परिवार ऐसे थे जिनके पास कुछ बचा ही नहीं था। एक ऐसा अन्याय हुआ था उनके साथ जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। वे अपने बाल-बच्चों के साथ सड़क पर आ गए थे।