कल्युग की पांचाली - 3 (अंतिम पार्ट)

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एक दिन ऊषा किसी काम में लगी होती है, और बच्ची जोर जोर से रो रही होती है, लेकिन कोई भी बच्ची को उठाकर गोद में नहीं लेता, जब बहुत देर हो जाती है तो ऊषा भागकर जाति है और देखती है कि मां बेटे पास मे ही बैठे हुए होते हैं, बच्ची रो रही होती है, लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता, ऊषा अपनी बच्ची को गोद में उठाती है, और उन लोगों को कहर भरी नजरों से देखती है| एक दिन छोटा लड़का किसी काम से बाहर जा रहा होता है, तभी उसे किसी की