नृसिंह भगवान प्रकृति और पुरुष

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भगवान नृसिंह मानव और पशु का रूप हैं इसे समझना होगा वस्तुतः यह प्रकृति और प्रकृति के स्वामी का रूप है । जब इस धरा पर मनुष्य असुर हो जाता है ,जब अपनी बुद्धि और कौशल से प्रकृति को कुचलने लगता है ,और अपनी शक्ति का अंहकार लेकर अपने सिवा किसी और सत्ता को स्वीकार नही करता, तब प्रकृति के रूप में ईश्वर उसका अहंकार नष्ट करते हैं। क्या आज हम हर चीज पर हक जमा कर खुद को खुदा नही समझ रहे,,? आज हमारी सारी काबिलियत धरी की धरी रह गई है,,जब एक वाइरस ने हमारी सोच को बदल