बेटी का पत्र

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क्या हुआ जी? आज आप बहुत दुःखी लग रहे, ठीक से खाना भी नहीं खा रहे!! हवलदार रामकिशोर की पत्नी सुधा ने अपने पति से पूछा।। बस ऐसे ही मन नहीं कर रहा, रामकिशोर बोला।। पर क्यो?बात क्या है?सुधा ने फिर से रामकिशोर से पूछा।। हमारी भी एक ही बेटी है!!कल को ये ससुराल चली जाएगी तो क्या हम इसे छोड़ देंगे भूल जाएंगे, अपने दोनों बेटों को ज्यादा अहमियत देने लगेंगे।। कैसी बातें कर रहे हो जी?क्या हो गया है आज तुम्हें?सुधा ने कहा।। बस ऐसे ही पूछ रहा हूं, रामकिशोर बोला।। ऐसा कैसे हो सकता, उसे भी मैंने