ईश्वरत्व का अहंकार - 1

  • 7k
  • 2k

ईश्वरत्व का अहंकार भाग-1 मानव में ईश्वरीय आस्था बहुत कुछ ज्ञान-सापेक्ष होती है- जहां मानवीय ज्ञान की सीमा रेखा आ जाती है और अज्ञान के अंधकार का साम्राज्य प्रारम्भ होता है, वहीं मानव ईश्वर का अवलम्ब प्राप्त करने को आतुर हो जाता है और ईश्वरीय आस्था का साम्राज्य प्रारम्भ हो जाता है। आदिम कालीन मानव का ज्ञान सीमित होने के कारण उसने जल, अग्नि, वायु, नदी, समुद्र, चंद्र, सूर्य आदि सभी उन शक्तियों, जिन पर वह नियंत्रण कर पाने मे अपने को असमर्थ पाता था, को देवत्व प्रदान कर दिया था, परंतु मानवीय ज्ञान एवं तद्जनित प्रकृति पर नियंत्रण की