बात तब की है जब हम ८ कक्षा में थे. में एक लड़की को पसंद करता था ओर वो मेरी दोस्त थी पर उसे ये बात पता नही थी, में अकसर उसके साथ बात करने के बहाने ढूंढता उसके पास से कोई पुस्तक मांगना या कुछ चीज मांगना उसे वापस देने जाना ऐसे ही बहनो में उसके साथ बात कर लिया करता। ये तो अब हर दिन का था के ये सब करना ओर उसको देखने के लिए घर से जल्दी निकलजाना ओर उसके घर की तरफ वाला रास्ता लेना.जब वो घर से निकले तो उसके पीछे