फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 2

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कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मांजेश, मोहित, अर्पित और आफताब अच्छे दोस्त हैं और सारे कल रात मिलने का प्लान बनाते हैं |अब आगे.... “अरे बेटा मोहित... नाश्ता तो करता जा, दो मिनट लगेंगे” कांपते हाथों से मोहित की मां ने मेज पर नाश्ता रखा | मोहित - “अरे मां पहले से ही देर हो गई है” |“अरे इतनी देर तक सोता रहेगा तो देर तो होगी ही.. अरे एक हम लोग थे सुबह के चार बजे जग जाते थे” | यह कहकर बाबूजी फिर अखबार की सुर्खियां पढ़ने लगे | मोहित ने एक सेब उठाया और खाते हुये बोला,