रूम के भीतर एक जीवन बसता है

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स्कूल की पढ़ाई के दौरान गांव छोड़कर नए जीवन की कभी कल्पना नहीं की। कहीं बाहर चले जाता तो उसी दिन गांव लौट आता। गर्मी की छुट्टी का वक्त भी बगैर दाेस्ताें के गांव में अकेले बिताता पसंद करता। शहर में कॉलेज की पढ़ाई के लिए जाते वक्त कई बार एकांत में जाकर गांव से पूछा होगा कि क्या शहर जा सकता हूं? यह सारा कुछ अपने अजीज मित्र को कहने जैसा था, जिसके बिना हम रह नहीं सकते। गांव छोड़ने के ठीक एक दिन पहले शाम को अपनी खास जगह पर पहुंचा। यह कह देना बेहद मुश्किल था कि