सन् 1980 की बात है,तब मेरी तुलसी ग्रामीण बैंक में नई - नई नौकरी लगी थी, मेरी posting एक छोटे से कस्बे में हुई, मैं पहली बार घर से और अपनों से दूर जा रहा था। बस क्या था, बोरिया-बिस्तर बांधा और निकल पड़ा, थोड़ा बहुत जरूरत का सामान भी ले लिया,उस समय घर से सम्पर्क में रहने का एक मात्र साधन चिट्ठी ही होता था,आते समय मां ने कहा बेटा चिट्ठी जरूर लिखना, हमारी जिंदगी में एक मां ही होती है जिसे हमारी सबसे ज्यादा परवाह होती है,जब तक हम उनके पास रहते हैं,उस समय तक तो नहीं लेकिन