आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 13

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अक्षित अपने कमरे से बाहर निकल कर बैठक में आकर बैठ जाता है और पास रखी मेज़ पर से अखबार उठा कर पढ़ने लगता है | अचानक उसका ध्यान गुसलखाने से आती हुई सोनिया पर पड़ता है | वह सोनिया को देख कर हैरानी से पूछता है “क्या बात है डॉ० साहिबा आज सुबह-सुबह तैयार कैसे हो गयी हैं, आज तो सन्डे है |” “जी मुझे भी मालूम है | सुबह तो आपके लिए है मेरे लिए नहीं | आपकी जानकारी के लिए बताना चाहती हूँ, इस समय सुबह के 11 बज रहे हैं |” “अस्पताल जाना है क्या ?”