आओ चलें परिवर्तन की ओर.. - 12

  • 3.7k
  • 1.9k

कॉलेज के प्रधानाचार्य सभा को सम्बोधित करते हुए कहते हैं “मेरे सहयोगियों एवं प्रिय छात्रों, आज हमारे बीच श्री अक्षित जी फिर से आये हैं | अक्षित जी का परिचय देने की आप कोई आवश्यकता ही नहीं है | यह पहले वक्ता हैं जो आप सब में इतने प्रसिद्ध हो गए हैं कि अबकी बार आपके आमन्त्रण पर इन्हें बुलाया गया है |” कह कर वह अक्षित की ओर इशारा करते हुए फिर से बोलते हैं “तालियों से अक्षित जी का स्वागत करें |” अक्षित तालियों की गूंज में अपनी जगह से उठकर प्रधानाचार्य जी के पास पहुँच उन्हें नमस्कार