'कोल्हू के बैल की तरह गृहस्थी की चक्की पिसते पिसते एक दिन एक खबर ने मेरा दिल खिला दिया । हाँ ! खबर ही ऐसी थी जिसका इंतजार हर कर्मचारी , मुलाजिम बड़ी सिद्दत से करता है और फिर ऐसी खबर अचानक मिल जाए तो क्या कहने ? इससे बड़ा सरप्राइज गिफ्ट और कुछ हो ही नहीं सकता । शायद आप लोग समझ गए होंगे । क्या ? नहीं समझे ?चलो मैं ही बता देता हूँ ।स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत हमारी अर्जी मंजूर हो गयी थी और बस यही महिना पूरा करके हमें सेवानिवृत्ति मिल जानेवाली थी । कूल