बिखरते सपने (3) उस दिन मुन्ना अपने ट्यूशन वाले सर से ट्यूशन पढ़ रहा था। स्नेहा ने कमरे में प्रवेश करते ही देखा कि मुन्ना का रैकिट और चिड़िया अलमारी में रखा हुआ है। चिड़िया और रैकिट देखकर स्नेहा का चेहरा खुशी से ताजे फूल की तरह खिल उठा। उसका खिलाड़ी मन हिचकोले लेने लगा और वह खुद को रोक नहीं पायी। वह मन में बोली,‘‘अरे वाह, मुन्ना का रैकिट और चिड़िया.....बहुत बनता है अपने आपको। कहता है मुझे अपना रैकिट खेलने को नहीं देगा। अब देखती हूं कि मुझे कौन रोकता है। बच्चू जब तक तुम ट्यूशन पढ़ोगे, तब