बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (1) लाल पीली और नीली रौशनियाँ... गोल गोल छोटे बड़े रंगीन शीशे के चहुं ओर लटकते हुए कुमकुमे... कमरे में बैठे सभी पुरुषों एवं महिलाओं के जीवट ठहाके... और उनके कपड़ों में बस दो ही रंग मुख्य रूप से उभरते दिखाई दे रहे थे... लाल और काला ! औरतों के लाल ब्लाउज़, तिकोने नीचे कट वाले गले जो औरतों के औरत होने की भरपूर गवाही दे रहे थे। कूल्हों पर फंसी हुई स्कर्ट... बस लाल और काले ड्रेस। पुरुषों के काले सूट जो कि ख़ुशी और ग़म दोनों अवसरों पर पहन लिये जाते हैं। गले