इधर बजरंगी पंडित वीर से जा मिलता है, और घटित होने वाली घटना के बारे में बताता है, वीर पागलों की तरह अपनी बहन की लाश को ढूंढता है, कई दिनो तक भटकने के बाद उसे अपनी बहन की लाश मिल जाती है, वीर अपनी बहन की लाश लेकर थाने आता है, लेकिन इंस्पेक्टर ललित द्वारा उसे वहाँ से भगा दिया जाता है, ससुराल वाले भी लक्ष्मी के ऊपर बदचलन होने का आरोप लगाते हैं, वीर अपनी बहन की लाश को लेकर अपने घर आ जाता है, और अपनी बहन की चिता में ही जलकर मर जाना चाहता है, लेकिन