जो घर फूंके अपना - 8 - और बिजली सचमुच गिरी !

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जो घर फूंके अपना 8 और बिजली सचमुच गिरी ! इतना पता लगाने में कौन सी मुश्किल थी कि स्टेशन कमांडर साहेब की एक नहीं, दो-दो बेटियाँ थीं जो दिल्ली में रहकर पढाई कर रही थीं. लेकिन इसके आगे उनका विशेष विवरण नहीं मिल सका. नटराजन की मुश्कें फिर कसी गयीं तो आखीर में उसने उगल दिया कि स्टेशन कमांडर साहेब की दो बेटियाँ वास्तव में इन छुट्टियों में आनेवाली थीं. कमांडर साहेब ने नटराजन से मशविरा किया था कि उनके मनोरंजन के लिए क्या प्रबंध करना उचित होगा तो उसी ने बैडमिन्टन कोर्ट शीघ्रातिशीघ्र बनवाने का सुझाव दिया था.