कशिश - 35 - अंतिम भाग

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कशिश सीमा असीम (35) ओह्ह यह उसे क्या हो जाता है ? वो उसके प्यार में इतना मदहोश हो जाती है ! उसे कुछ भी होश ही नहीं रहता ! वो अपने आसपास से बेखबर होकर सिर्फ राघव को ही याद रख पाती है ! हे ईश्वर, उसे सद्बुद्धि दे ! वो अपनी इन गलतियों की वजह से ही अक्सर दुखी होती है ! राघव उसे दुःख नहीं देता है, वो स्वयं अपने लिए दुखों का पहाड़ खड़ा कर लेती है ! क्या करे वो ? कैसे खुद पर सब्र करे और कैसे जिए ? राघव के साथ होते हुए