कशिश सीमा असीम (27) अरे राघव कहाँ चले गए अभी तो वो यहाँ आने को कह रहे थे और खुद ही कहीं और चले गए ! ओहह यह राघव भी न, कितने मस्त मौला हैं किसी भी बात की कोई परवाह ही नहीं ! उनको तो अपने आप की ही फिक्र नहीं है ! उसे ही हर वक्त उनकी फिकर लगी रहती है ! और जब वो उनकी परवाह या फिकर करती है तो वो भी उनको अच्छा नहीं लगता है ! फौरन उसे कहेंगे, सुनो तुम अपना ख्याल कर लो वही बहुत है मैं अपना ख्याल खुद रख सकता