रिसते घाव (भाग-८)

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फ्लैट का दरवाजा खोलकर अमन अन्दर प्रवेश कर गया लेकिन श्वेता कुछ सोचते हुए वहीं दरवाजे पर ही खड़ी रह गई । अमन ने दरवाजे के पास ही रखी शूज रेक में अपने जूते निकालकर रखे और फिर श्वेता की तरफ देखा ।‘बाहर क्यों खड़ी हो ? किस बात की दुविधा है ?’ अमन ने दो कदम पीछे हटकर श्वेता के पास जाकर पूछा ।‘तुम्हारें कहने पर तुम्हारें साथ यहाँ तक आ तो गई पर इतनी रात को तुम्हारें संग ...’‘तुम लड़कियों की यही प्राब्लम है । मैं कोई भेड़िया थोड़े ही जो तुम्हें खा जाऊँगा ?’ श्वेता की बात