अस्वत्थामा ( हो सकता है ) 11

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“ ये पूरी कहानी की शुरुआत तब हुई जब हम अर्कियोलोजि डीपार्टमेंण्ट में लखनऊ सर्कल मे अपनी ड्यूटी कर रहे थे । उस वक्त एक दिन चावडा सर पाकिस्तान के सिंध मे पाए गए पुराने नगर मोहनजो दरो की संदर्भ बुक पढ रहे थे ।किताब पढते पढते उसकी आंखें पुस्तक मे छपी हु़ई पशुपति (भगवान शिव शंकर का एक नाम) की खंडित मुहर ( सिंध प्रदेश मे खुदाई के दौरान पाई गई पुरानी मुहरो में सें एक) के चित्र पे आके अटकी । उसने पुस्तक मे वो चित्र मुजे दिखाया । और मुजे कहेने लगे कुमार गौर से देखो