अंग्रेज़ों ने एशिआई देशों में अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए धर्म स्थलों का निर्माण, चंदे की रसीदों,डिब्बों, दान पात्रों एवं नजूल की मुफ़्त ज़मीनों पर कब्ज़ा करने जैसे कार्यों से ख़ुद को दूर ही रखा। इस धार्मिक कार्य के लिए उन्होने शिक्षा के क्षेत्र को चुना। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिस से दिमाग का विकास होता है। दिमाग से संसार में कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं। हम एशिआई लोग धर्म के माध्यम से संसार पर कब्ज़ा करने के ख़्वाब सदियों से देखते आ रहे हैं जो कभी पूरे नही हुए। इसके विपरीत यूरोपीयाई सिर्फ अपने दिमाग से