वह चुड़ैल हवा में उड़कर मेरी कार के बोनेट पर बैठ गई और बिना देर किए उसने काँच तोड़ दिया और एक झटके में ड्राइवर का सिर धड़ से अलग कर दिया, और फिर एक ही झटके में उसके खून की एक एक बूँद पी गई। इतना सब देखने के बाद मैं जड़ हो गया था, मैंने सोचा आज तो मेरा मरना तय है और अगर आज मरना ही है तो क्यों न बचने की आखिरी कोशिश कर लूँ। यह सोचकर मैंने मंदिर की तरफ भागना शुरू किया और अब मुझे मंदिर न सिर्फ दिख रहा था बल्कि मैं मंदिर