मधुरिमा - भाग (१)

(28)
  • 27.6k
  • 2
  • 8.4k

चल राजू,जल्दी से खाना खाकर तैयार हो जा,रात को दस बजे हमारी ट्रेन है, मां ने मुझसे कहा____ मैंने कहा ठीक है मां और मैंने अपने कंचे,चंदा-पवआ खेलने वाली कौड़ी और अपनी गेंद मां को देते हुए कहा कि लो मां ये सब भी रख लेना। मैं बहुत खुश था क्योंकि हम दीवाली की छुट्टियों में गांव जा रहे थे और मुझे अपने गांव जाना बहुत पसंद था।। ये बात उस समय की है जब मेरी उम्र करीब नौ दस साल रहा हूंगा,अब तो ना वो बचपन रहा और ना वैसे खेल।। हां तो मां ने