चिंटु - 31

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मोहन को दो दिन बाद मौका मिला इवान के पापा से बात करने का। सुबह सुबह बारिश कुछ कम हुई तो वे छाता लेकर मॉर्निंग वॉक पर निकल पड़े। लोगो की आवाजाही अभी ना के बराबर थी। मोहन भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा। काफी दूर जाने के बाद मोहन इवान के पापा के बाजू में चलने लगता है। वह उनके नजदीक जाकर उनसे कहता है- अगर इवान के पास जाना चाहते है तो कल अपनी पत्नी के साथ अधी रात को ढाई बजे तैयार रहना। यह सुनकर इवान के पापा एकदम से मोहन को देखकर बोले- कहां है मेरा