दिव्य दृष्टि

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जवानी के तेवर बड़े ही सुहाने होते हैं,यदि इसमें दोस्तों का प्यार और संग मिल जाए तो हमारी खुशियों पर चार चांद लग जाते हैं। मैं भी अपने युवावस्था में अपने दोस्तों के साथ कुछ इस कदर ही खोया था - आज सुबह से ही में अपने दोस्तों के संग मौज मस्ती में इतना व्यस्त और खुशियों में इतना घुला हुआ था कि मत पूछो शायद ही मुझे पहले कभी इससे ज्यादा खुशी की अनुभूति हुई हो, साथ मैं हमनें खूब मौज मस्ती की किसी एक बात को लेकर हम सभी दोस्त उसके ऊपर इतना हंस पड़े थे कि मानो हंसी