चौपड़े की चुड़ैलें - 4 - अंतिम भाग

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चौपड़े की चुड़ैलें (कहानी : पंकज सुबीर) (4) यह जो रसायनों की उत्पत्ति थी यह आने वाले दिनों में और, और, और का कारण बनने वाली थी और बनी भी। सोनू ने उसके बाद कई-कई बार उस नंबर पर कॉल किए। हर बार कॉल काटने के बाद आया हुआ मैसेज एक बड़ी राशि कट जाने की सूचना देता था। हर बार किसी नई आवाज़ से बातें होती थीं। सोनू चाहता था कि कल जिससे हुई थी उससे से ही हो लेकिन, वैसा नहीं होता था। सोनू की इच्छा थी कि अगर कोई रिपीट में एक बार भी मिल जाए तो