पतझड़ का मौसम शुरू हो चुका था। एक पीपल के पेड़ से पीले हो चुके पत्ते नीचे जमीन पर गिर रहे थे। कुछ बूढ़े हो रहे पत्तो का रंग बदलना शुरू हो चुका था। कुछ नई हरी हरी , सुंदर छोटी छोटी पत्तियां दुनिया को देखने के लिए अपनी आंखें खोलना शुरू कर चुकी थी। सारी छोटी छोटी पत्तियाँ आसपास के अदभुत नझारो को देख कर खिलखिला रही थी। नई दुनिया को देखने के लिए उत्सुक थी। हवा के झोंके के साथ झूम रही थी और कुछ पिले हो चुके पत्ते अपना आशरा छोड़ रहे थे।एक छोटी सी पत्ती, जो अपनी