इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट -5)

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पार्ट -5इंतजार.... इंतज़ार और सिर्फ इंतज़ार.... इस इंतज़ार में मनु स्कूल जानें का समय गवा चुका था... उसके मन में विचार आया क्यों ना जावेद के घर जाया जाए... लेकिन कैसे... अगर कोई लफड़ा हुआ होगा तो... अब हुआ होगा तो हुआ होगा आज नहीं तो कल सबको पता तो चलना ही हैं.... आखिर प्यार किया हैं मैंने... जो होगा देखा जायेगा... उसके कदम जावेद के घर की तरफ बढ़ने लगते हैं... लेकिन फिर कुछ दुरी तय करने के बाद फिर ठिठक जाते हैं... अगर सबको पता चला तो मम्मी पापा की कितनी बदनामी होंगी... ऐसे में पापा तो मुझसे