इश्क़ 92 दा वार (पार्ट -3)

  • 7.7k
  • 2.5k

पार्ट -3 खत में दोनों ने अपनी अपनी दिली दास्तान लिख दी थी.. अनु और मनु की आंखो में चमक और चेहरे पर एक आत्म विश्वास की आभा फैल चुकी थी... एक सुकून जो दिलों दिमाग़ को राहत दें चुका था मानो दोनों ने प्रत्यक्ष आमने सामने हो कर बात कही हो... मनु चैन से सो चुका था लेकिन अनु की आंखो से नींद अभी कोसो दूर थी.. उसे चिंता इस बात की थी कि ये खत मनु तक कैसे पहुंचेगा... इश्क़ की राहों में जितनी आस होती हैं उतनी ही कठिनाइयां भी और हर कठिनाई को पार करने वाला ही सच्चा