दरमियाना - 10

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दरमियाना भाग - १० तभी एक दिन संजय घर आ गया । वह कड़े ताल में था, इसलिए मैं संजय कह रहा हूँ । ...या शायद अपने गुस्से की वजह से, जो मेरे भीतर वजह-बेवजह कुलबुला रहा था । मैंने सारी की सारी भड़ास इस पर निकाल दी । ...मेरे लगातार सवालों से वह अचकचा गया था । कुछ नहीं बोला । मेरे किसी भी सवाल का सही या गलत जवाब उसने नहीं दिया था । ...उसकी वे बड़ी-सी, सुंदर-सी ...गहरी और कजरारी झीलें डबडबा आई थीं । मधुर घर पर ही थीं । उसने मुझे शांत किया और चुपचाप