रचयिता

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रचयिता नीलम कुलश्रेष्ठ ये शिक्षा संस्थान ओजस्विता का गढ़ है। इसके निदेशक भारतीय संस्कृति के पुजारी हैं। वे कुछ नया करने के जूनून में वे ये घोषणा करते हैं कि जल्दी ही इस संस्थान के कोर्स में रामायण व महाभारत शामिल करने वाले हैं। दूसरे दिन इस संस्थान की लड़कियों का दल उनके ऑफ़िस पर धावा बोल देता है। उनमें से एक लड़की क्रोध में काँपते हुये कहती है ,`` क्या आप चाहतें हैं कि हम भी उन प्राचीन स्त्रियों की तरह पाखंडी व साधुओं के भिक्षा या कुछ और माँगने पर सीता की तरह घर की परम्परा तोड़ें?`` दूसरी