विवेक और 41 मिनिट - 13

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 13 सुबह के 6.30 बजे डी. जी. पी. वैकुंड शर्मा ने विवेक और विष्णु के सामने जो कुर्सी थी उसकी ओर इशारा किया फिर पूछा – “कहिए मिस्टर विवेक.............. क्या बात है ?” “साहब ! शोरवरम में एक लड़की का ‘स्कल्’ मिला था उसकी इन्क्वायरी में हम शामिल हैं ” “मालूम है.......! उस लड़की का नाम क़ारूँणया है ये बात आप ने इंवेस्टिगेट किया ये भी मालूम है उसके आगे क्या हुआ उसके बारे में मालूम नहीं ” “वही बताने