उस रात की बात

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रुक रुक बादल भयंकर गर्जना कर रहे थे । थोड़ी थोड़ी देर में बिजली चमकती और फिर तेज गड़गड़ाहट की आवाज़, फिर लगता कि आसमान फट पड़ेगा । भीषण वर्षा हो रही थी, मैं अकेला था अक्सर अपने काम के कारण मुझे ये जंगल पार कर उस कस्बे में जाना पड़ता था । समय रहते मैं ये जंगल पार कर लेता था , पर आज देर हो गई थी । मैं ठीक जंगल के बीच मे था और तेज बारिश के कारण सामने कुछ भी साफ नही दिख रहा था । मैं धीरे धीरे बढ़ रहा