आघात - 16

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आघात डॉ. कविता त्यागी 16 शीघ्र ही ऐसा अवसर मिल गया जब पूजा और प्रेरणा दोनों एकान्त में बैठकर घंटों तक बातें कर सकती थी । उसने पूजा से उसकी चिन्ता का कारण जानने के लिए उससे कहा - ‘‘दीदी, आपका स्वास्थ्य ठीक तो है ना ?’’ ‘‘हाँ, मैं बिल्कुल ठीक हूँ !’’ ‘‘तो फिर आप सारा दिन उदास क्यों रहती हैं ?’’ ‘‘ऐसी तो कोई बात नहीं है !’’ इतना कहते-कहते पूजा अपने मस्तिष्क में उठे विचारों के तूफान में खो गयी । कुछ क्षण तक वह बिल्कुल शान्त बैठी रही । वह निर्णय नहीं कर पा रही थी